16 Sep ख़ुशी के....... रंग Published by Sharhade Intazar Ved खुश तो कम ही मिलेंगे जमाने से,शायद थक गए हो निभाने से,कुछ शिकवे भी होंगे ज़माने से,बात बन जायेगी दो कश लगाने से,एक ज़िन्दगी का हो दूसरा दोस्ती का,थोड़ा जाम गम का हो थोड़ा ख़ुशी का,चल यार अब दिल्लगी छोड़ भी दे बहाने से,आ नींद से सुबह मांग लें ठिकाने से
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