Overblog
Edit post Follow this blog Administration + Create my blog
07 Sep

आज की धड़कने ........ (Xii)

Published by Sharhade Intazar Ved

आज  की  धड़कने ........ (Xii)

हम बेवफाई भी वफ़ा के साथ करते हैं,

गर फना हो जाए कोई तो ही जफ़ा करते हैं,

ऐसा नहीं के मतलब से ही ढूंढा गया हो आपको,

बेमतलब बिताया वक़्त शायद याद नहीं आपको,

बेवफाई का इश्तहार मैंने लगा तो दिया है,

खाली ना चला जाए तभी अपना नाम दिया है,

इलज़ाम सहने की तो अपनी आदत रही है,

तभी इंसानियत जैसा हमने गुनाह भी किया है

मोहब्बत थी या है इसका फैसला बाकी है दोस्त,

बिन उसके वक़्त गुजारो गुजर पाये तो,

कभी कभी लगेगा किसी ने पुकारा है दोस्त

चमन को उजाडने का भी दस्तूर गज़ब है,

जमीन के टुकड़ों के लिए होता कहर है,

घर खुदा का हो या इंसान का,

बिखरकर दोनों ही पर होता असर है

कुछ में इंसानियत के लिए रहता जहर है

Comment on this post
E
Bahut khoob....
Reply
V
शुक्रिया मित्र
O
Oh mere khuda kyaa baat hai , kya khoob.hm bevfaayi b vfa ke sath krte hai. Gr fna ho jaaye koyi to hi jfa krte hai .jai ho jai ho jai ho aap ki
Reply
V
shukriya om bhai shukriya
M
oh my god ....ye pic to kmaal hi hai ..<br /> bahut sunder
Reply
V
sukriya Monika ji