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06 Sep

जो कहते हैं ज़िन्दगी....... अब वतन है

Published by Sharhade Intazar Ved

जो कहते हैं ज़िन्दगी....... अब वतन है

वतन की मोहब्बत से दोस्त जब तू अपनी मोहब्बत मांग लेगा,
उस दिन तुझे हर पहचानने वाला अपने मेहबूब का शायर कहेगा

उसकी ज़िन्दगी बन जाओ जिसकी ज़िन्दगी वतन हो,
फिर मिल के बिखर जाओ जन्हा तक जीवन का सफर हो

गर ज़िन्दगी तेरी वतन है तो सांसों में रहता वजन है,
जब तमन्ना रहे सरफ़रोशी की,
तो सांसों को हल्का किये बिना तिरंगे का मिलता नहीं कफ़न है,
भूलना मत के इंसान का जनाज़ा भी चार कन्धों का ही चमन है

गर कोई मंज़िल पर अकेला पहुंचना चाहे,
तो ये तय है के उसके जज्बे में किसी स्वार्थ का आवागमन है,
फिर तो नेता की ही ज़ुबानी हो गयी के जान से प्यार मुझे वतन है

Comment on this post
M
रोमांचक...
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V
thanks Monika ji
A
गर ज़िन्दगी तेरी वतन है तो सांसों में रहता वजन है.........................................<br /> सुन्दर पंक्तिया सर..
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V
shukriya Anil Bhai